Rajim Kumbh Mela 2024: भारत के चार शहरों प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में प्रत्येक चार वर्ष में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है और हर 12 वर्ष बाद महाकुंभ सजता है। इन मेलों में देश दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले स्थित पवित्र त्रिवेणी संगम पर भी राजिम कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष 24 फरवरी यानी आज माघ पूर्णिमा से मेले की शुरुआत हो चुकी है। 15 दिन तक चलने वाले इस मेले में देश के कोने-कोने से साधु-संत और नागा साधु पहुंचे हैं। आयोजकों के मुताबिक, महाशिवरात्रि तक मेला गुलजार रहेगा। आइये जानते हैं, इस खास आयोजन का क्या महत्व है और यहां पहुंचने का सबसे आसान रास्ता क्या है?
छत्तीसगढ़ का प्रयाग
छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहे जाने वाला राजिम धर्म, अध्यात्म, परंपरा और संस्कृति का संगम है। राजिम में तीन नदियों का संगम है, लिहाजा इसे भी त्रिवेणी संगम के नाम से लोग पुकारते हैं। राजिम कुंभ कल्प का आगाज शनिवार को त्रिवेणी संगम में हो चुका है। माघ पूर्णिमा से 15 दिन यानी 8 मार्च महाशिवरात्रि तक अनवरत चलने वाले इस मेले में देश दुनिया के कोने से हजारों की संख्या में श्रद्धालु और साधु संत महानदी, पैरी और सोंढूर नदी के संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। इस आयोजन को सफल और ऐतिहासिक बनाने के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
भगवान जगन्नाथपुरी से जुड़ा है महत्व
आयोजकों के मुताबिक, मेले की शुरुआत कल्पवास से होती है। पखवाड़े भर श्रद्धालु पंचकोशी यात्रा करते हैं। श्रद्धालु पंचकोशी यात्रा के दौरान पटेश्वर, फिंगेश्वर, ब्रम्हनेश्वर, कोपेश्वर और चम्पेश्वर नाथ का पैदल भ्रमण कर धुनी रमाते हैं। जानकारी के मुताबिक, 101 किमी माघी पुन्नी मेले सहित भगवान राजीव लोचन और श्री कुलेश्वर नाथ महादेव जी के दर्शन किये जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथपुरी की यात्रा तब तक पूरी नहीं होती जब तक राजीव लोचन और श्री कुलेश्वर नाथ महादेव जी के दर्शन नहीं कर लिए जाते। यही कारण है कि इस मेले का खास महत्व है।
इन जगहों से पहुंच सकते हैं आप
राजिम मेले से 43 किलोमीटर की दूरी पर रायपुर शहर है। अगर, हवाई यात्रा से आप जाना चाहते हैं तो स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट सबसे नजदीक है। इसके अलावा राजिम रेलवे स्टेशन मेले से करीब है, लिहाजा आप ट्रेनों के जरिए भी यहां पहुंच सकते हैं। रेलवे स्टेशन से ऑटो टैक्सी और बस के जरिए मेला पहुंचने में आपको एक घंटे का समय लग सकता है।