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कुम्भ के बारे में

इस बार 24 फरवरी, शनिवार को माघ मास क पूर्णिमा है। इसी दिन से छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित राजिम नामक तीर्थ पर विशाल धार्मिक मेले की शुरूआत होती है। इसे राजिम माघी पुन्नी मेला और राजिम कुंभ के नाम से जाना जाता है। ये मेला महाशिवरात्रि तक चलता है। इस दौरान लाखों लोग यहां दर्शन और स्नान के लिए आते हैं। कहते हैं कि जगन्नाथपुरी की यात्रा तब तक संपूर्ण नहीं होती, जब तक भक्त राजिम की यात्रा नहीं कर लेते। आगे जानिए क्यों खास है ये तीर्थ स्थान…

हिंदू धर्म ग्रंथों में प्रयाग को तीर्थों का राजा कहा जाता है, वहीं राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है। राजिम तीर्थ महानदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। इस स्थान से जुड़ी कई विशेष मान्यताएं और परंपराएं हैं। यहां तीन नदियों का संगम होता है-महानदी, सोंढूर और पैरी। यहां कई प्राचीन मंदिर भी हैं, जो यहां का धार्मिक महत्व बढ़ाते हैं।

राजिम कुंभ में होंगे 3 स्नान, जानें तारीखें
राजिम में हर साल माघ मास की पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक धार्मिक मेले का आयोजन होता है। 15 दिनों तक चलने वाले इस मेले में 3 प्रमुख स्नान होते हैं। इस दौरान यहां लाखों लोग दर्शन और स्नान के लिए आते हैं। इस बार राजिम कुंभ का पहला प्रमुख स्नान 24 फरवरी को होगा। दूसरा 4 मार्च और अंतिम 8 मार्च यानी महाशिवरात्रि को होगा।